हमारी प्रोफेशनल लाइफ एक कंप्यूटर की तरह होती है। इसे हम कंट्रोल-आल्ट-डिलीट के रूप में ‘थ्री फिंगर सैल्यूट’ करके रीबूट कर सकते हैं..
कार्यक्षेत्र में सफलता यूं ही नहीं मिलती। इसके लिए कई बातें मायने रखती हैं। संबंधित काम में रुचि, विशेषज्ञता, स्किल डेवलपमेंट और अपडेट होते रहने की कला तो वे मूलभूत बातें हैं, जिनके दम पर व्यक्ति अपने काम को बेहद खूबी के साथ करते हुए अपने अधिकारियों और सहयोगियों की प्रशंसा का पात्र बनता है। इसके अलावा उस व्यक्ति का व्यक्तित्व, व्यवहार, टीम को संभालने और उसके सही संचालन का हुनर भी उसमें है, तो वह व्यक्ति सफलता की बुलंदियों पर चढ़ता चला जाता है। यदि आप कंट्रोल-आल्ट-डिलीट के फामरूले पर चले, तो निश्चित ही कार्यक्षेत्र में आपकी परफॉर्म्ेस सुधरेगी और आप एक सफल प्रोफेशनल बन सकते हैं।
क्या है कंट्रोल आल्ट डिलीट
इसे कंप्यूटर की भाषा में ‘थ्री फिंगर सैल्यूट’ कहा जाता है। देखा जाए तो यह मात्र कंप्यूटर को लॉग-इन करने का की-वर्ड ही नहीं है, यह पूरे जीवन का पासवर्ड है। यदि आप इसे अपनाते हैं, तो क्या घर, क्या कार्यक्षेत्र, आपको हर जगह उन्नति की राह मिलेगी। जिस तरह हम कंट्रोल- आल्ट-डिलीट करके कंप्यूटर में प्रवेश करते हैं और अपने काम को आगे बढ़ाते हैं, उसी प्रकार दफ्तर या अपने कार्यक्षेत्र में भी हम इन तीन चीजों को अपना लें, तो हम सफलता को लॉग-इन कर सकते हैं।
कंट्रोल : कंट्रोल का अर्थ है नियंत्रण। जब काम हमारे नियंत्रण में रहेगा, तभी हम कोई नई योजना या परियोजना बना सकते हैं। यहां सिर्फ काम के नियंत्रण की ही बात नहींहै। सबसे पहले आपको परिस्थितियों को अपने नियंत्रण में लेना है। अनुकूल परिस्थितियां ही व्यक्ति से बेहतर काम करवा लेती हैं। फिर काम को नियंत्रित करना है। काम को नियंत्रित करने का अर्थ यह है कि आप काम को किस तरह संपादित करते हैं कि काम तय सीमा में बेहतरी से संपन्न हो जाता है। इसके लिए आपको अपने सहयोगियों या टीम मेंबर्स की खूबियों और उनकी सामथ्र्य का पता होना चाहिए कि किस तरह का काम किस व्यक्ति को दिया जाना चाहिए। इस तरह टीम को यदि आप नियंत्रित कर लेते हैं, तो काम तय समय पर पूरा हो जाएगा और आपको ज्यादा सिरदर्द नहीं उठाना पड़ेगा। इसके अलावा आपको सहयोगियों, बॉस या क्लाइंट के साथ अपने व्यवहार, अपनी आदतों और अपने तनाव को भी नियंत्रित करना होगा। यह नियंत्रण जब आपके हाथ में आ जाएगा, तो आप अपने अंदर बदलाव का अनुभव करेंगे और आप खुद को ज्यादा से ज्यादा प्रगतिशील महसूस करेंगे।
आल्ट : आल्ट आल्टरनेट का फुलफॉर्म है, जिसका अर्थ होता है बारी-बारी से बदलते रहना। हर क्षेत्र में इसका बहुत ज्यादा महत्व होता है। आपने देखा होगा, मार्केट में टिके रहने के लिए या प्रगति करने के लिए हर चीज बदलती रहती है। प्रोडक्ट्स कभी अपना रैपर बदलते हैं, तो कभी उनकी क्वालिटी बदल जाती है। यह एक तरह का इंप्रूवमेंट या अपग्रेडेशन है। कार्यक्षेत्र में सबसे पहले हमें खुद को इंप्रूव करना होता है, खुद को अपग्रेड करना होता है। हम जिस समय में रह रहे हैं, वह तेजी से बदल रहा है। नई-नई तकनीक आने से काम का तरीका भी बदल जाता है, यदि हम खुद को समय-समय पर अपग्रेड नहीं करते जाएंगे, तो बदलते वक्त में आउटडेटेड हो जाएंगे। वर्कप्लेस पर आपको अपने व्यवहार में, एटीट्यूड में, स्किल्स में लगातार बदलते रहना है, तभी आप विविधतापूर्ण आउटपुट अपने संस्थान को दे सकेंगे।
आपको अपनी प्रोफेशनल लाइफ में आल्ट की बनना होगा। इसका सीधा-सा अर्थ है कि समय की मांग के अनुसार आपको खुद में और अपने काम में बदलाव लाते रहना है। इसके तहत आपको नए आइडियाज सोचने होंगे, नई टेक्नोलॉजी के बारे में जानना होगा और काम में नयापन लाना होगा, तभी आप बदलते जमाने के प्रोफेशनल कहला सकेंगे। इसका फायदा यह होता है कि एक ही तरह काम करते रहने से आप और आपकी टीम बोर नहीं होती। उसे एक नई ऊर्जा का एहसास होता है और आपकी प्रोडक्टिविटी बढ़ जाती है।
डिलीट : प्रोफेशनल लाइफ में डिलीट का बहुत ज्यादा महत्व है। आपके भीतर कुछ खामियां या कुछ आदतें ऐसी होती हैं, जो आपके प्रोफेशन में बाधा बन जाती हैं। जब तक आप इन्हें खत्म नहीं कर देते, आपका काम सहज नहीं हो पाता। इसलिए अपनी प्रोफेशनल लाइफ में डिलीट की को सक्रिय रखें और समय-समय पर जैसे बेकार फाइलों को डिलीट करते हैं, वैसे ही अपने गलत वर्क एटीट्यूड और गलत आदतों को भी डिलीट करते रहें। मान लीजिए, आपकी आदत है कि आए हुए काम को आप कल पर टाल देते हैं, इससे दिक्कत यह होती है कि जब उसकी डेडलाइन आ जाती है, तब आप उसे आनन-फानन में करते हैं, तब उसके साथ आप न्याय नहीं कर पाते और उस काम में उत्कृष्टता नहीं आ पाती। इसलिए क्यों न अपनी इस आदत को यहीं डिलीट कर दें और जैसे ही आपके पास काम आए, उसको आप प्राथमिकता के आधार पर उसका समय सुनिश्चित कर लें। ऐसे में आप उसे बेहतर तरीके से कर पाएंगे। इस तरह आप अपने काम से जुड़े हर अवांछित को अपने से दूर कर दीजिए, फिर आपको काम में मजा आने लगेगा। इसके लिए आपको अपने भीतर झांक कर देखना होगा। आत्मविश्लेषण करना होगा, कि आपके लूज प्वाइंट्स क्या हैं? जब आप यह सब फाइंडआउट कर पाएंगे, तभी उन्हें दूर भी कर पाएंगे।
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