MACRO OPPORTUNITIES IN MICROBIOLOGY-BIG DEMAND 2012

big opportunity
गत कुछ वर्षों में विज्ञान के क्षेत्र में और खासतौर पर माइक्रोबायोलॉजी के क्षेत्र में काफी तेजी से विकास हुआ है। आज माइक्रोबायोलॉजिस्ट की जरूरत कई स्तरों पर और कई उद्योगों में होती है। वर्तमान में पोस्ट ग्रेजुएशन करने वाले कई वैज्ञानिक मल्टीनेशनल कंपनियों में काफी अच्छी सैलरी पर कार्य कर रहे है। 

कई क्षेत्रों में है उपयोग- माइक्रोबायोलॉजी ऐसा क्षेत्र है जिसमें विशेषज्ञता हासिल करने के बाद ही आगे बढ़ा जा सकता है। दरअसल माइक्रोबायोलॉजी का इस्तेमाल स्वास्थ्य, पर्यावरण, सेवाओं और कृषि जैसे कई क्षेत्रों में होता है और सबसे महत्वपूर्ण बात इस क्षेत्र से जुड़ी है कि अगर आप में शोध करने की प्रवृत्ति है तब यह क्षेत्र आपको और भी अच्छा लगेगा। इसके अंतर्गत फिजीयोलॉजी ऑफ माइक्रोब्स, माइक्रोब्स की जैविक संरचना, एग्रीकल्चर माइक्रोबायोलॉजी, फूड माइक्रोबायोलॉजी, बायोफर्टिलाइजर में माइक्रोब्स, कीटनाशक, पर्यावरण, मानवीय बीमारियों आदि में सूक्ष्म जीवों का अध्ययन किया जाता है। पर्यावरण में हम जो कीटनाशक का इस्तेमाल करते हैं, उससे उत्पन्न प्रदूषण को ये सूक्ष्मजीव ही नियंत्रित करते हैं। इसके अलावा दवाओं का निर्माण, कीटनाशकों का निर्माण, विभिन्न खाद्य उत्पादों आदि में सूक्ष्मजीवों का अध्ययन भी इसमें किया जाता है।
पर्यावरण का क्षेत्र हो या पर्यावरण संतुलन का, खाद्य संरक्षण, दवाओं के उद्योग विशेषकर एंटीबायोटिक, फैक्टि्रयों, मेडिकल क्षेत्र, कृषि उत्पादन, पेय पदाथरें के निर्माण, रसायन फैक्टि्रयों, सुगंध बनाने आदि में इसका काफी उपयोग है। 
माइक्रोबायोलॉजिस्ट के रूप में आप किसी साइंटिस्ट के साथ रिसर्च वर्क कर सकते हैं। इसके अलावा हॉस्पिटल, लेबोरेट्री, क्लीनिक, यूनिवर्सिटीज, निजी या सरकारी क्षेत्र, फार्मास्यूटिकल, डेयरी प्रोडक्ट्स, टीचिंग, बीयर मेकिंग आदि क्षेत्रों में जुड़ सकते हैं। इस क्षेत्र में युवा, दवा कंपनियों, लेदर एवं पेपर उद्योग, फूड प्रोसेसिंग, बायोटेक तथा बायोप्रोसेस संबंधी उद्योग, प्रयोगशालाओं एवं अस्पतालों, जनस्वास्थ्य के कामों में लगे गैर सरकारी संगठनों के अलावा अनुसंधान एवं अध्ययन के क्षेत्र में भी जा सकते हैं। इसके अलावा विश्र्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में शिक्षण कार्य भी कर सकते हैं। बायोटेक एवं बायोप्रोसेस संबंधी उद्योग के अलावा विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में भी अच्छे अवसर हैं। यह क्षेत्र शोध पर आधारित है इसलिए काफी मेहनत और समय की मांग करता है।
यहां से करें कोर्स- 
पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ 
पीएयू, लुधियाना 
एलपीयू, जालंधर 
जीएनडीयू, अमृतसर 
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ़ (उत्तरप्रदेश) 
दिल्ली यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली 
हावार्ड यूनिवर्सिटी, यूएस 
येल यूनिवर्सिटी, यूएस
माइक्रोबायोलॉजी में कई स्कोप हैं : प्रो. तिवारी- पंजाब विश्वविद्यालय के माइक्रो बायोटेक्नोलाजी के कोओर्डिनेटर प्रो. रुपिंदर तिवारी का मानना है कि माइक्रोबायोलॉजी ऐसा क्षेत्र है, जिसमें विशेषज्ञता हासिल करने के बाद ही आगे बढ़ा जा सकता है। दरअसल माइक्रोबायोलॉजी का इस्तेमाल स्वास्थ्य, पर्यावरण, सेवाओं और कृषि जैसे कई क्षेत्रों में होता है। सबसे महत्वपूर्ण बात इस क्षेत्र से जुड़ी है कि अगर आप में शोध करने की प्रवृत्ति है तब यह क्षेत्र आपको और भी अच्छा लगेगा। इसके अंतर्गत फिजियोलॉजी ऑफ माइक्रोब्स, माइक्रोब्स की जैविक संरचना, एग्रीकल्चर माइक्रोबायोलॉजी, फूड माइक्रोबायोलॉजी, बायोफर्टिलाइजर में माइक्रोब्स, कीटनाशक, पर्यावरण, मानवीय बीमारियों आदि में सूक्ष्म जीवों का अध्ययन किया जाता है।

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